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मुझे फ़िक्र है तुम्हारी

Harish VidrohiHarish Vidrohi February 8, 2023
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मुझे उसकी फ़िक्र आज भी उतनी ही है,
मुझे उससे मोहब्बत आज भी उतनी ही है,

वो कभी पूछे तो हाल बयां करू मैं अपना,
कि जो बातें...थी हमारे दरमियाँ..,
मैं अभी भूला नहीं हूँ..!

तुम्हें देखने की चाहत आज भी उतनी ही है,
तुम्हें सुनने की तलब आज भी उतनी ही है,

फिर से एक बार तुम्हारे साथ...
इश्क़ की वादियों में ख़ो जाना चाहता हूँ,
फिर से एक बार तुम्हारे साथ..
तेरी बाहों में लिपटकर रोना चाहता हूँ,

तुम्हारे चेहरे की वो खिलखिलाती मुस्कुराहट,
मैं अभी भूला नहीं हूँ..!

तुम्हें ख़ुश रखने की चाहत आज भी उतनी ही है,
तुम्हें रूठाकर फिर से मनाने की हसरत आज भी उतनी ही है..,

सुनो अब लौट आओ ना.. कि 
हम एक दूसरे से अपनी बातें कह सके,
हमारी वो पहली मुलाक़ात..,
मैं अभी भूला नहीं हूँ...!
जो भी बातें... थी हमारे दरमियाँ,
मैं अभी भूला नहीं हूँ..!!

सुनो अब लौट आओ ना तुम..,
कि तुम्हारे कोमल हाथों का एहसास,
मैं अभी भूला नहीं हूँ..,
मैं अभी भूला नहीं हूँ..!!

#स्वरचित- हरीश विद्रोही 

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