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लिख रहा हूँ बरसते बरसात की कहानी,
कही खुशी से चित्त मन की कहानी,
तो कहीं कच्चे मकानों की टपकती छत की कहानी,
तुम रखते हो ना ख़्वाहिस हर दम,
कि काश ये बारिश कुछ इस तरह जम के बरस जाये,
तो जीवन में आनंद की ये बहारे..
कुछ इस तरह मन में उतर जाये,
जैसे कोई प्रेम गीत सा कानों में घुल जाये,
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