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क्यों याद आते हैं ?

Hardik Dadheech 'Vibhakar'Hardik Dadheech 'Vibhakar' June 18, 2022
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सांझ ढली, सूरज डूबा,
रात गहराई है,
चढ़ता है चांद दूर आसमां में,
दिमाग में मेरे तेरी यादें चढ़ आई हैं !!

हर दिन जैसे दिन जी लता है,
अंधेरा गहराता है,
तेरी यादों का सिलसिला,
मेरी आंखों में शुरू हो जाता है !

और......

वो खिले गुलाब,
वह हर एक किताब,
हर किताब का हर पैगाम,
पैगाम में बच्चों के नाम,
बहुत याद आते हैं,
बहुत याद आते हैं,
बहुत याद आते हैं !!

वो मेरा देर से आना,
तेरे आने से मौसम गुलाबी हो जाना,
वो मदमस्त हवाएं,
वो रंगीन फिजाएं,
बहुत याद आते हैं,
बहुत याद आते हैं,
बहुत याद आते हैं !!

तेरी नज़रों का काजल,
तेरे पैरों की पायल,
तेरी बोली की चहक,

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