Share0 Bookmarks 49099 Reads1 Likes
काव्य, चकोर को चंदा से मिलने की अभिलाषा है,
काव्य किसी अतिलंघित जन के स्वातंत्र्य की आशा है,
कभी काव्य व्याकरण बोध है ज्ञानी त्यागी का,
कभी काव्य व्यथा विरही की, प्रेम है अनुरागी का
कभी काव्य जीवन का दुष्कर कानन है,
कभी हास आभरणित बालक आनन है,
कभी काव्य पूजा है ईष्ट ईश्वर की,
कभी मोती सीपियों वाला, कभी उड़ान नभचर की,
कभी कविता है कवियों के मुख की,
कभी गीति है संसारी सुख की,
कभी काव्य नभ पर चढ़ा हुआ सूरज है,
कभी काव्य पंक में खिला हुआ
काव्य किसी अतिलंघित जन के स्वातंत्र्य की आशा है,
कभी काव्य व्याकरण बोध है ज्ञानी त्यागी का,
कभी काव्य व्यथा विरही की, प्रेम है अनुरागी का
कभी काव्य जीवन का दुष्कर कानन है,
कभी हास आभरणित बालक आनन है,
कभी काव्य पूजा है ईष्ट ईश्वर की,
कभी मोती सीपियों वाला, कभी उड़ान नभचर की,
कभी कविता है कवियों के मुख की,
कभी गीति है संसारी सुख की,
कभी काव्य नभ पर चढ़ा हुआ सूरज है,
कभी काव्य पंक में खिला हुआ
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments