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स्वयं से प्रेम

Gunjan VishwakarmaGunjan Vishwakarma March 13, 2022
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#अंतरराष्ट्रीय_महिला_दिवस 

तो क्या हुआ जो तुम्हें 
नहीं मिली सीढियां ।
तुम उचक कर अपने पंजों पर
कर लो पार तुम्हारे चारों तरफ खींची गई दीवारें ।

तो क्या हुआ जो मंज़िल 
धुंधला रही है अभी
तुम खाली कर दो आंखों को
आंसुओं से
और भर दो उनमें सुनहरे सपने ।

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