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सफाई पसंद औरतें

Gunjan VishwakarmaGunjan Vishwakarma March 21, 2022
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औरतें होती हैं सफाई पसंद

गाहे बगाहे पाकर थोड़ा सा समय

चमकाने लग जाती हैं 

घर और मन ।



कभी जाले झाड़ते झाड़ते

झाड़ देती हैं

मन के किसी कोने में लटकते

अधूरे सपने ।


शायद भूल जाती हैं

कि जालों की तरह

सपने भी दोबारा बुन लेता है मन ।।




कभी शाम के समय

आंगन बुहारती हैं 

तो उसके साथ ही बुहार आती हैं

पूरे दिन की थकान ।


और मुस्कुराती हुई

फिर से लग जाती

अगले दिन की  जद्दोजहद में ।।




कभी सुखाने जाती है

यहां वहां पड़े गीले तौलिए

तो साथ ही डाल देती है

रस्सी पर सूखने को

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