क्या वेदना है स्त्री होना's image
Poetry1 min read

क्या वेदना है स्त्री होना

Gunjan VishwakarmaGunjan Vishwakarma March 11, 2022
Share0 Bookmarks 44495 Reads5 Likes
हे राम!!
काश कि तुम जान पाते
अग्निपरीक्षा में नहीं जली थी
मेरी देह
जो जल गया था 
वो मेरा मन था 
तुम्हारी सीता का मन ।।

हे लक्ष्मण !!
काश कि तुम समझ पाते
बलिदान तो तुमने किया था
पर जो बलि की वेदी पर
खंडित हुई थी
वो थी
मेरी आत्मा 
तुम्हारी उर्मिला की आत्मा ।।

हे बुद्ध !!
काश कि तुम  देख पाते
उस पेड़ की पत्तियां 
<

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts