जीवन में दुःख कभी समाप्त नहीं होते
बस छोटे छोटे दुखों को
कम कर देता है
बड़ा सा एक दुख ।
जैसे एक बड़े पेड़ के नीचे
उगे छोटे छोटे पौधे
दिखते नहीं
ठीक वैसे ही
बड़े दुख के सामने
छुप जाते हैं
छोटे छोटे दुख ।
और रह जाता है
घने पेड़ सा बढ़ता
बस एक
बड़ा सा दुख ।।
~गुंजन
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