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कोई जब गाने लगता है भजन आहिस्ता आहिस्ता
हो जाती ख़त्म है मेरी थकन आहिस्ता आहिस्ता
मुझे अब हिज्र में तेरे तिरी यादों से ख़तरा हैये मिलकर नोंच लेती हैं बदन आहिस्ता आहिस्ता
मिरे मौला किसी भी हाल में मुझको अता कर मौत
लगी है बढ़ने अब मेरी घुटन आहिस्ता आहिस्ता
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