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जो अक्सर देखता हूँ ख्वाब पूरा क्यूँ नहीं होता,
जिसे मैं प्यार करता हूँ वो मेरा क्यूँ नहीं होता ||
मैं अक्सर सोचता हूं कि अकेले में मिलूँ तुमसे,
इरादा इस तरह मिलने का तेरा क्यूँ नहीं होता ||
जो मेरे साथ पढ़ती थीं वो अब बच्चों की माँऐं हैं,
खुदाया जुल्म है रिश्ता हमारा क्यूँ नहीं होता ||
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