
Share0 Bookmarks 43 Reads1 Likes
दुकान
आंखें खुली है तो कुछ कमाने के लिए
बिस्तर छोड़ा है तो दुकान जाने के लिए ,
यही चलेगा अब हर रोज मेरे साथ
चलाने के लिए दुकान जो आ गई है मेरे पास
किस किस को क्या कहूं
किस किस को न कहूं
सब ग्राहक है अपनी मर्जी के
किस किस को मैं सेट करू
कई रंग है कई क्वालिटी है
बाजार में क्या क्या है पता नहीं
बीके तो नकद बीके मेरा माल
न जाने क्यों मांगते है उधार पता नही
अब आराम मिले या उठ बैठक
नीचे गद्दी
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments