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निगाहों से निगाहों का दीदार किया जाए
चलो मिलकर इन दिलों को बेक़रार किया जाए
मोहब्बत है तुमसे तुम्हें बताएँ कैसे?
ज़रा सा खुलो तो इज़हार किया जाए
तुम्हारे आस पास भीड़ बहुत है
थोड़ा दूर चलो तो प्यार किया जाए।
हमको मालूम है इश्क़ की चालाकियाँ
चलो फिर भी आँख बंद कर ऐतबार किया जाए।
चाहत मुझे भी है, हसरत तुम्हें भी
तो आओ प्रेम का व्यापार किया जाए।
~गौरव तिवारी
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