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Romantic PoetryPoetry1 min read

ग़ुस्सा, नाराज़गी, रुसवाई के लिए

Gourav TiwariGourav Tiwari March 7, 2023
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ग़ुस्सा, नाराज़गी, रुसवाई के लिए

ये मौसम अच्छा नहीं जुदाई के लिए। 


बरसों पहले एक मौलवी ने कहा था मुझे 

मैं आदमी ठीक नहीं हूँ तन्हाई के लिए। 


तेरा पलकें झुकाना, वो धीरे से मुस्कुराना 

अदायें अच्छी हैं तेरी

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