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हम जमीन पर इतना छेद किए हैं
पता नहीं पौधे कहां डालू और पानी कहां से निकालू।
बापूजी कहते हैं बदमाशी छोड़ दो
मां कहती हैं मनमानी छोड़ दो
दोस्त कहता है झूठ बोलना छोड़ दो
मेरा मन कहता हैं पढ़ाई छोड़ दू
एह सब करके करू क्या?
मुझे मां बाप से डर नहीं लगता हैं जी
मैं covid से डरता हूं।
मेरे पास मां पापा दोस्त गाड़ी रुपए हैं, तेरे पास क्या हैं?
मेरे पास अपना घर हैं।
जहां मैं खड़े होता हूं वही मैं डेरा डालता हूं।
हमारे मोदीजी आयेंगे
विकास लायेंगे।
कितने आदमी थे?
चार, सरकार
एक लड़की और चार आदमी? बहुत ना इंसाफी है चारोंको गोली मार दो
जी, सरकार।
बाबुमोशै, जिंदगी में शांति होनी चाहिए जगड़े नहीं।
एक चुटकी सिंदूर तुम क्या जानो रमेश बाबू?
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