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हमने जिंदगी को कुछ इस तरहां समझा,
राख के ढेर को झोंका उड़ा ले गया जैसे।
©गोपाल भोजक
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हमने जिंदगी को कुछ इस तरहां समझा,
राख के ढेर को झोंका उड़ा ले गया जैसे।
©गोपाल भोजक
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