Share0 Bookmarks 223272 Reads1 Likes
लग गई नज़र मेरे इश्क़ को ज़माने की,
ज़ख़्म जो भर गये थे फिर से हरे हो गये।
सब तरफ रौनके है महफ़िल भी सजी हुई,
जो मिला था कभी मुझे वो जुदा हो गया।
No posts
No posts
No posts
No posts
लग गई नज़र मेरे इश्क़ को ज़माने की,
ज़ख़्म जो भर गये थे फिर से हरे हो गये।
सब तरफ रौनके है महफ़िल भी सजी हुई,
जो मिला था कभी मुझे वो जुदा हो गया।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments