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दोस्त भी सच्चे थे,
ज़माना भी अच्छा था,
उम्र के इस पड़ाव पे जाना,
बचपन के दिन अच्छे थे।
©गोपाल भोजक
#बालदिवस
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दोस्त भी सच्चे थे,
ज़माना भी अच्छा था,
उम्र के इस पड़ाव पे जाना,
बचपन के दिन अच्छे थे।
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