
---------- पर्यावरण बचाओ --------
हमें एहसास नहीं कि हम किस क़दर
सुख-साधन का सामान जोड़ रहे हैं ---
और अनायास ही ढकोसलों की ज़िन्दगी में
वास्तविक जीवन से मुख मोड़ रहे हैं ---
देखिये ना !
हर वक़्त कितनी गर्मी व धुआँ छोड़ रहे हैं
परत दर परत जमा होती ये साँसों में
और उसी धुएँ की चादर ओड़ रहे हैं ---
ग्लोबल वार्मिंग का संकेत बार बार हो रहा है
मगर अफ़सोस !
हम पर्यावरण की गर्दन मरोड़ रहे हैं ---
आओ सब मिलकर एक काम करते हैं
कम करते हैं वो ऐशोआराम, और
वो धुआँ जो छोड़ रहे हैं ---
और मिलकर हो लें साथ उनके जो
लगा के पेड़ हरियाली जोड़ रहे हैं ---
आओ प्रण करें कि मिलकर हम
प्रकृति की घुटन कम कर सकें
और रफ़्तार ज़िन्दगी की थोड़ी थाम लें
और रोक लें उनको भी, जो
बस दौड़ रहे हैं ---
साथ हो लें उनके जो
लगा के पेड़ हरियाली जोड़ रहे हैं।
(डा. गोपाल सिंह मेहता )
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