Share0 Bookmarks 47352 Reads0 Likes
विचारों की तेजस्वी आभा को संजोया है हमनें
नव भारत की रचना का बीज़ बोया है हमनें
नवीनता के आवरण़ को आधुनिकता से जोड़ा है हमनें
पुरातऩ संस्कृति को नव भारत स्वरूप से जोड़ा है हमनें
संकल्प़ आत्मनिर्भरता का ले कर्म-पथ पर चल पड़े है हम
हौसलों के बाण़ लिए कठिनाइयों को भेद चलें हैं हम
कर्
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments