Share0 Bookmarks 47740 Reads1 Likes
थकान
बढ़ रही है
समय दर समय
दिन ब दिन
बहुत आगे
बढ़ चुकी है ये थकान
जिम्मेदारियों को
ढोते-ढोते
हो जाती है
सुबह से शाम
सपनों के पीछे
भागते-भागते
न चैन न आराम
No posts
No posts
No posts
No posts
थकान
बढ़ रही है
समय दर समय
दिन ब दिन
बहुत आगे
बढ़ चुकी है ये थकान
जिम्मेदारियों को
ढोते-ढोते
हो जाती है
सुबह से शाम
सपनों के पीछे
भागते-भागते
न चैन न आराम
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments