
Share0 Bookmarks 22 Reads0 Likes
मिट्टी से बनी हूं मैं
मिट्टी में ही मिलना है
मिट्टी की कोख में पलकर
फिर से मुझको खिलना है
पंच तत्वों में से चार तत्व
अदृश्य में विलीन हो जाता है
बस मिट्टी से बना यह तन
मिट्टी में मिल जाता है
एक मिट्टी ही है जो
मुझको कभी
मरने नहीं देती है
रुप बदलकर मेरा
जग को लौटा देती है
मिट्टी में ही मिलना है
मिट्टी की कोख में पलकर
फिर से मुझको खिलना है
पंच तत्वों में से चार तत्व
अदृश्य में विलीन हो जाता है
बस मिट्टी से बना यह तन
मिट्टी में मिल जाता है
एक मिट्टी ही है जो
मुझको कभी
मरने नहीं देती है
रुप बदलकर मेरा
जग को लौटा देती है
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments