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मुझे लगा वो
सालों से दफ़न है
मर गई होगी
फिर भी न जाने क्यों
मैंने उसे खोलकर
देखना चाहा
उसपर जमी धूल को
जब हटाया
उसके पन्नों को
छूकर सहलाया
उसके शब्दों को
हौले से पढ़ना शुरु किया
और मैं सहम गई
जैसे-जैसे उसके
पन्ने पलटती गई
शब्दों की धड़कन
सालों से दफ़न है
मर गई होगी
फिर भी न जाने क्यों
मैंने उसे खोलकर
देखना चाहा
उसपर जमी धूल को
जब हटाया
उसके पन्नों को
छूकर सहलाया
उसके शब्दों को
हौले से पढ़ना शुरु किया
और मैं सहम गई
जैसे-जैसे उसके
पन्ने पलटती गई
शब्दों की धड़कन
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