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कभी नाराज़ ना होना मुझसे
कभी रुठना ना खफा होना मुझसे
रुठो तो मनाने का मौकाभी दो मुझको
हाथ मिलाकर अलग ना करना मुझको
चाहे अकेला छोड़ दो मुझको, छोड़के ना जाना मुझको
आंख से आंख यूं मिलाकर, आंखसे गिरा ना देना मुझको
चाहे बात ना सुनो मेरी, बात तो करना
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