
Share0 Bookmarks 15 Reads1 Likes
तेरी याद ने आज बहुत रूलाया
लेकिन हम बिल्कुल ना रोये
ना याद किए ना ग़म किए
शिकायत नहीं, फ़रियाद भी ना किए
फ़रियाद करते तो किससे करते
तू तो दूरही हो गई थी,
जैसे परायीसी हो गई थी
हंसीकी आड़में आंसू छुपा लिए
गर तू चाहे, मैं तुझसेही फ़रियाद करूं
करीब आना होगा तुझे, दूरसे कैसे करूं
अब तू जो पास आ ही गई हो
वजह ही ना रहीं, तो मैं फ़रियाद ही क्यों करूं
इब्न ए बब्बन
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments