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गर्दिश के दिन

GAURAV KUMARGAURAV KUMAR October 16, 2021
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वो कुछ भी करने को तैयार है

हर हद से गुजरने को तैयार है


बेबसी का आलम तो देख लो

सोना, पत्थर बनने को तैयार है


एक फूल जो जान ए गुलशन है

बहार में भी झड़ने को तैयार है


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