ठहराव का बहाव's image
Share0 Bookmarks 20 Reads0 Likes
मैंने ठहरना सिखा था जो गलत है ,
रुकना नहीं था जहां वहां जहां चूकना नहीं था ,
मैं चूक गया हूं क्या करूं आदतों को ढाल लिया ,
गलती किया मान लिया।

बहुत ही काले पड़े हैं जिनके छाले चिपके हैं ,
कहता है जाता कहां यहीं तो राह है जो वास्तव में गुमराह ,
कालो के छालों कहां ले आये हो ,
कितने सतह में आया हूं इस बार।

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts