प्रसांगिक's image
Share0 Bookmarks 44159 Reads0 Likes
समझा सब है ,
नहीं समझता तो इशारों की क्या जरूरत,
कोई ऐसा नहीं है जिसने संकेत ना दिया हो ,
स्वाद तो रस का लेना है ,

बिमारी का कारण रस ही तो है ,
फिर भी कई प्रकार भोग तो जाते हो ,
सेवन किया होता ज

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts