पहचान's image
Share0 Bookmarks 47932 Reads0 Likes
ये जो काया है सब माया है ,
उत्तेजकता छाया है ,
इसके आगे क्या कुछ नहीं ?
अभी मुझे पता नहीं
यदि पता है तो यकीन नहीं ,

नहीं तो क्यों दोहराता अपने आदतों को ,
यदि आदतों के पार विश्वास होता कहीं ,

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts