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हारी हुई लड़ाई लड़ रहा हूं मैं ,
सबने हारा है फिर भी बीड़ा उठाया हूं मैं ,
क्या जीवन में मजा जब दर्द भी चोटिल नहीं ,
बिना सहे कौन बता सकता है सहने का मजा ,
कैसे मैं मिटता और कैसे नया प्रतिफूलित होता ,
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