Share0 Bookmarks 44441 Reads0 Likes
पैरों तले झुकना है , दवाबो में उठना है ,
कचड़ो कि भांति में कमल सा मुझको उगना है ,
दवाब नहीं रहता जब , कुछ शंका रहता है ,
कही मुड़ ना जाये रुख हवा का , विचार चरता है ,
कचड़ो कि भांति में कमल सा मुझको उगना है ,
दवाब नहीं रहता जब , कुछ शंका रहता है ,
कही मुड़ ना जाये रुख हवा का , विचार चरता है ,
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments