अंधभ्रांत's image
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नींद की जगह विचारे चर रहे ,
इतना हम अलग रह रहे ,
देखता तथ्य मगर वंचित अध्यक्ष से रहे ,
दिया षड को जगह और कहते सत्य को रहे ।
अंधकार से एक दफा सामना हुआ ,
सीमाये , जड़े , जो फन फना के जागने लगे ,
आंखें देखते तीतर बीतर मैं लक्ष्य से हुआ ,
हां उस अवस्था

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