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खाई है ठोकरे बहुत
अब........
ठसक से लिखना
सिखा दो ना
मैं करता जाहिर अपना
दर्द मगर ......
किसी को सुनने लायक
रख दो ना
कब तलक झेलता रहूंगा
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