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पुस्तक समीक्षा : गांधी चौक

Gulsher AhmadGulsher Ahmad October 22, 2021
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पुस्तक समीक्षा : गांधी चौक
लेखक : डॉ० आनंद कश्यप
प्रकाशक : हिन्द युग्म ब्लू


डॉ० आनंद कश्यप ने अपने जीवन के अमूल्य जवानी के कुछ वर्ष प्रतियोगी परीक्षाओं को समर्पित किया। जिससे वो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे विद्यार्थियों के परिथितियों को अच्छे से समझ सके। इसीलिए छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के गांधी चौक के आस-पास रह कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे परीक्षार्थियों के जनजीवन को ही अपने पहले उपन्यास में चित्रित करने का निर्णय किया और इसमें बहुत सफल भी रहें हैं। 

इस उपन्यास में प्रतियोगियों की कुंठा, हताशा, निराशा, संत्राष, घुटन एवम सफलता के पश्चात हर्षोल्लास की यात्रा को 'आनंद' जी ने बड़े सजीव रूप में चित्रण किया है। ऐसे किरदारों को गढ़ा है जो बिल्कुल सजीव लगते हैं। उनके दुखों से आपको भी दुख होता है और उनकी सफलताओं में आपको भी हर्ष मिलती है। 

इस उपन्यास में राजा, सूर्यकांत, नीलिमा, भीष्म सिंह और अश्वनी के साथ-साथ रामप्रसाद जैसे किरदारों के संघर्ष जीवन को बहुत प्रभावित तरह से उकेरा है और साथ ही सूर्यकांत और नीलिमा की खट्टी-मीठी प्रेम कहानी के छौंक से कहानी में और भी खुशबू आ जाती है। 

इस उपन्यास को पढ़ते हुए आँखों से आँसू भी आते हैं और आँसुओं के साथ चेहरे पर मुस्कान भी। आप पढ़ते-पढ़ते रोने भी लगेंगे और कहानी खत्म होते-होते चेहरे पर खूब मुस्कान भर आएगी। भीष्म सिंह की संघर्षमय जीवन को पढ़ते हुए मैं रोया हूँ और मैं कह सकता हूँ कि हर किसी को भीष्म सिंह के किरदार को पढ़ते हुए उससे प्यार हो जाएगा और ये किरदार आपको रुला भी सकता है।

लेखक परिचय: 

डॉ. आनंद कुमार कश्यप बहमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व हैं। ये निरंतर लक्ष्य सिद्धी के लिए संघर्ष कर वर्तमान में सहायक प्राध्यापक के पद पर चयनित हुए हैं। अपने उपन्यास ‘गांधी चौक’ में एक ओर आनंद ने जहाँ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान संघर्षरत प्रतियोगियों की घुटन, संत्रास एवं असफलता के आँसुओं को शब्द देने का प्रयास किया है, तो वहीं दूसरी ओर सफलता के बाद आने वाली परेशानियों का भी उल्लेख किया है। यह उपन्यास प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए एक बेहतरीन मार्गदर्शक साबित होगा।


आपको ये किताब क्यों पढ़नी चाहिए?

यह उपन्यास छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के गांधी चौक के आस-पास रहने वाले छात्रों के जनजीवन पर लिखा गया है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले हर परीक्षार्थी के संघर्ष, समर्पण और सफलता की कहानी है ये 'गांधी चौक'। 

आपको ये किताब इस लि

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