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हर मुरझाए फूल को किसी रोज खिल जाना है ,
सूखी पड़ी इन नदियों को किसी रोज फिर बहना है।
किसी एक शख्स को कब तक जहन में
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सूखी पड़ी इन नदियों को किसी रोज फिर बहना है।
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