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शायद किसी से ज्यादा जुड़ना
किसी से मन लगाना,
उसकी जिंदगी का हिस्सा होना
या ऐसा खुद को मनवाना
कभी कभी एक धोखा सा लगता है
कभी कभी कुछ ऐसा होना
कुछ ऐसा उसके कारण होना
जो पहले कभी भूत में न हुआ
और वर्तमान मे होने की न कोई आस थी
उसका हो जाना , एक धोखा सा लगता है
अब शायद मन को समझना होगा
की अब सोच समझकर दिल लगाना होगा
हर परिस्थिति के लिए तैयार होना होगा
ये मानना होगा की जो हो रहा है
वो आगे भी होता रहेगा
और वो धोखा नहीं होगा,
सच्चाई होगी, न की कोई फरेब होगा
उसका मिलना लिखा था तो हुआ
जो होना था वो हुआ
और तब से ये सिलसिला जारी हुआ
अब यकीन करने लगी इन सब पर
खुद पर भी, और उस पर भी
अब किसी को मजबूर नहीं कर सकती
न खुद को और न उसको
पर जो होगा वो धोखा नहीं होगा।
किसी से मन लगाना,
उसकी जिंदगी का हिस्सा होना
या ऐसा खुद को मनवाना
कभी कभी एक धोखा सा लगता है
कभी कभी कुछ ऐसा होना
कुछ ऐसा उसके कारण होना
जो पहले कभी भूत में न हुआ
और वर्तमान मे होने की न कोई आस थी
उसका हो जाना , एक धोखा सा लगता है
अब शायद मन को समझना होगा
की अब सोच समझकर दिल लगाना होगा
हर परिस्थिति के लिए तैयार होना होगा
ये मानना होगा की जो हो रहा है
वो आगे भी होता रहेगा
और वो धोखा नहीं होगा,
सच्चाई होगी, न की कोई फरेब होगा
उसका मिलना लिखा था तो हुआ
जो होना था वो हुआ
और तब से ये सिलसिला जारी हुआ
अब यकीन करने लगी इन सब पर
खुद पर भी, और उस पर भी
अब किसी को मजबूर नहीं कर सकती
न खुद को और न उसको
पर जो होगा वो धोखा नहीं होगा।
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