धुआं उठ रहा है's image
Poetry1 min read

धुआं उठ रहा है

ekudaan1024ekudaan1024 February 5, 2023
Share0 Bookmarks 30799 Reads0 Likes
धुआं उठ रहा है
हर जगह सफेदी छाई हुई है
कहीं तो आग भभक रही होगी
कहीं तो कुछ जल रहा होगा
कहीं कुछ राख हो रहा होगा 

थोड़ी देर बाद जब धुआं हटने लगा 
तो सामने मुझे कुछ नज़र आया
एक तरफ कुछ लकड़ियां जल रही थी
और एक तरफ एक दिल जल रहा था

कहीं कुछ लकड़ियां राख हो रही थी
और कहीं कुछ रिश्ते 
दोनों ही आग बड़ी तेज थी
दोनों क

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts