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धुआं उठ रहा है

ekudaan1024ekudaan1024 February 5, 2023
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धुआं उठ रहा है
हर जगह सफेदी छाई हुई है
कहीं तो आग भभक रही होगी
कहीं तो कुछ जल रहा होगा
कहीं कुछ राख हो रहा होगा 

थोड़ी देर बाद जब धुआं हटने लगा 
तो सामने मुझे कुछ नज़र आया
एक तरफ कुछ लकड़ियां जल रही थी
और एक तरफ एक दिल जल रहा था

कहीं कुछ लकड़ियां राख हो रही थी
और कहीं कुछ रिश्ते 
दोनों ही आग बड़ी तेज थी
दोनों को देख कुछ ख्याल जेहन में आए

एक के नजदीक जाओ 
तो वो आपको जला देती 
और दूसरे के पास 
तो वो खुद कहीं जलकर बैठा है
दोनों में बेइंतहा दर्द ,जलन थी

धुआं दोनों से उठ रहा था
और भभक भभक के उठ रहा था
दोनों ही सजीव थी
बस अंतर इतना ही था
एक दृश्य और एक अदृश्य
एक निर्जीव का जलना था 
और एक रिश्तों का जलना था।


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