यहाँ, हमारा घर था's image
NatureNaturePoetry1 min read

यहाँ, हमारा घर था

दुर्गेशदुर्गेश May 12, 2022
Share0 Bookmarks 0 Reads2 Likes
एक मोर कटे जंगल को देख कर क्या कहता?

यहाँ, हमारा घर था। 
तुम्हारे बनने वाले शीश महल की तरह आलिशान तो नहीं था लेकिन उस से कहीं कम भी नहीं था।
यहाँ, हमारा घर था।
जब मेघ घिर-घिर आते थे और बादल शोर मचाते थे मैं अपने पंख फ़ैला कर यही

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts