
ऐसे न चला करो
ऐसे ना हसा करो
ऐसे न बोला करो
ऐसे न रोया करो
ऐसे न देखा करो
ऐसे न दिखा करो
ऐसे न बैठा करो
ऐसे न बातें करो
अरे ये तो सोचा करो
की लोग क्या कहेंगे
दुपट्टा न गिरने पाए
दाग न दिखने पाए
आँसू न गिरने पाए
हसी न खिलने पाए
नज़र न उठने पाए
कदम न बढ़ने पाए
आवाज न निकलने पाये
ज़हेन न खुलने पाए
कुछ तो लिहाज़ करो की
लोग क्या कहेंगे
मर्द हो तो मर्द रहो
स्त्री हो तो स्त्री रहो
समाज में ऐसे जियो
समाज में वैसे जियो
हमारे यहाँ तो यही होता है
हमारा यह तो यही होगा:
बड़ो को सब पता है
तुम्हारा सर फिरा है
अरे कुछ तो शर्म करो
की लोग क्या कहेंगे
अब क्या किन्नर बन जाओगे
भीख मांगते रह जाओगे
शादी में ढोल बजाओगे
हां ट्रेन में जकार गाओगे
इज्जत मिट्टी में मिलाओगे
नाक हमारी काटोगे
एक बार तो सोचा होता की
लोग क्या कहेंगे
हमारे ये संस्कार नहीं:
ट्रांस हमें स्वीकर नहीं
ये कर के तुम पछताओगे
माँ से मिल ना पाओगे
मर गए समझो हमारे लिए
बैंड दरवाजे तुम्हारे लिए
ये सब कैसे सहेंगे
अरे लोग क्या कहेंगे
बोलना सीख तुमसे ही
पर बातें मेरे मन की है
चलना सीख तुमसे ही
पर राह चुन्नी मन की है
उंगली जब थीमी थी तो
सोचा था साथ निभाओगे
मैं जब मैं बन जाउ तो
मुझे गले लगाओगे
हाथ छुडाकर अब ऐसे
क्यू बेगाना तुम करते हो
प्यार से मुझसे करते हो
पर दुनिया से तुम डरते हो
कब तक ये सोचा करेंगे
की लोग क्या कहेंगे
साथ तुम्हारा होता तो
हर मुश्किल से लड़ लेते
दुनिया के ताने तो क्या
हर चीज को हम सह लेते हैं
सारी दुनिया एक तरफ
और आपके होते हैं एक तरफ
पर ठुकरा के पहचान मेरी
मुझे कहते हो हरफ-ए-गलत
फ़र्क तुम्हे बस पड़ता है कि
लोग क्या कहेंगे
अरे कुछ लोग कहेंगे
वो लोग है भगवान नहीं
खुदा की मैं मखलूख़ हूँ
तो क्या मैं भी इंसान नहीं
हमाम में सारे नंगे हैं
और लाज लाज तुम करते हो
लोगो की सोच के डरते हो
और डरते डरते मरते हो
अरे कुछ लोग कहेंगे
लोगो का काम है कहना
लोग क्या कहेंगे सोच
अब छोड दे हम सब जीना
अब छोड दे हम सब जीना
अब छोड दे हम सब जीना
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