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Peace PoetryPoetry3 min read

लोग क्या कहेंगे

Dr.Aqsa ShaikhDr.Aqsa Shaikh August 6, 2022
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ऐसे न चला करो

ऐसे ना हसा करो

ऐसे न बोला करो

ऐसे न रोया करो

ऐसे न देखा करो

ऐसे न दिखा करो

ऐसे न बैठा करो

ऐसे न बातें करो


अरे ये तो सोचा करो

की लोग क्या कहेंगे


दुपट्टा न गिरने पाए

दाग न दिखने पाए

आँसू न गिरने पाए

हसी न खिलने पाए

नज़र न उठने पाए

कदम न बढ़ने पाए

आवाज न निकलने पाये

ज़हेन न खुलने पाए


कुछ तो लिहाज़ करो की

लोग क्या कहेंगे


मर्द हो तो मर्द रहो

स्त्री हो तो स्त्री रहो

समाज में ऐसे जियो

समाज में वैसे जियो

हमारे यहाँ तो यही होता है

हमारा यह तो यही होगा:

बड़ो को सब पता है

तुम्हारा सर फिरा है


अरे कुछ तो शर्म करो

की लोग क्या कहेंगे


अब क्या किन्नर बन जाओगे

भीख मांगते रह जाओगे

शादी में ढोल बजाओगे

हां ट्रेन में जकार गाओगे

इज्जत मिट्टी में मिलाओगे

नाक हमारी काटोगे


एक बार तो सोचा होता की

लोग क्या कहेंगे



हमारे ये संस्कार नहीं:

ट्रांस हमें स्वीकर नहीं

ये कर के तुम पछताओगे

माँ से मिल ना पाओगे

मर गए समझो हमारे लिए

बैंड दरवाजे तुम्हारे लिए


ये सब कैसे सहेंगे<

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