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नाजुक थी वोह कठोर भी
शांत थी था उसमे शोर भी।
रेशम के धागे में लगी
सुई की तरह,
पिरोती सपने,
छुभ जाती थी <
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नाजुक थी वोह कठोर भी
शांत थी था उसमे शोर भी।
रेशम के धागे में लगी
सुई की तरह,
पिरोती सपने,
छुभ जाती थी <
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