ज़िंदगी तेजी से भाग रही...'s image
Poetry1 min read

ज़िंदगी तेजी से भाग रही...

Dr. SandeepDr. Sandeep November 14, 2021
Share0 Bookmarks 112 Reads1 Likes

कभी लगता है ज़िंदगी बहुत तेजी भाग रही

कभी लगता वो छुपकर ख़िड़की से झांक रही

कभी लगता है वो मेरी आँखों में जाग रही

ना जाने क्या मेरी ख़ामोशियों में ताक रही

इस दिल में उठते जज़्बातों को ग़मनाक रही

लग रहा मेरी दिली ख़्वाहिश को हलाक रही

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts