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ज़िंदगी की रेस...

Dr. SandeepDr. Sandeep November 27, 2021
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ना जाने इंसान के अंदर कैसी लगी है आग  

ज़िंदगी की रेस में हम सब हैं भागम भाग..

अपना अपना चेहरा सबका अपने अपने दाग

अपनी अपनी ढपली सबकी अपने अपने राग..

लोगों को डसने के लिए हम बन गए सब नाग

दूसरों के घर जलाने के लिए बस लगाते हैं आग..

अब थोड़ा इंसान बन इंसानियत से लगा लो लाग

अपना नाम बनाने ख़ातिर मत बन जाओ तुम घाग..

मेरे दोस्तों पैसों के पीछे मत तेजी से यूँ भाग

ख़ुद को खोजने की ख़ातिर ही सही अब तो तू जाग..

#तुष्य

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