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तुम्हें शिद्दत से याद करूँ ये ही मेरी इबादत है,
तुमसे बेपनाह प्यार करूँ ये ही मेरी चाहत है,
कहते हैं चाहत इबादत का ही दूसरा रूप है,
इसलिए मेरी चाहत ही तुम्हें पाने की इबादत है..!!
#तुष्य
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