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मेरी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है
जुदाई के बाद तू मेरा यार आज भी है..
तेरे आने की कोई उम्मीद तो नहीं मगर
पर तू मेरा ख़याल-ओ-ख़्वाब आज भी है..
इस दुनिया से तू बेशक़ हो गई है रुख़्सत
पर मुझे तेरा हसरत-ए-दीदार आज भी है..
कभी तो तुम लौट के आओगे अपने माज़ी में
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