
Share0 Bookmarks 101 Reads1 Likes
लफ़्ज़ दिल से...
जज़्बात तेरे मेरे काग़ज़-ए-बे-रंग को निखार देते हैं
दिल-ए-मुज़्तर को उम्मीद-ए-बहार से सँवार देते हैं..
लफ़्ज़ तेरे मेरी सहव-ए-क़लम को सुधार देते हैं
हालात-ए-ज़िंदगी पर लिखे शब्दों को उभार देते हैं..
अल्फ़ाज़ तेरे मिजाज़-ए-इश्क़ को लज़ीज़ बना देते हैं
फीक़े पड़ चुके अरमानों में जोश-ए-जुनूँ बढ़ा देते हैं..
दर्द तेरे इन आँखों में तिफ़्ल-ए-अश्क ला देते हैं
सियाह रातों में मेरी आँखों से नींदें उड़ा देते हैं..
मुस्कान तेरी बेजान शाख़ों पर फूल खिला देते हैं
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments