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हर आग़ाज़-ए-सफ़र की एक नई कहानी है..
हक़ीक़त-ए-ज़िंदगी मुझ मुसाफ़िर की जुबानी है..
रह-ए-मंज़िल में निकले हर राहगीर की बयानी है..
किस्सा-ए-उल्फ़त है ये जो हर शख़्स ने सुनानी है..
दर्द-ए-दिल है ये जो हर आशिक को उठानी है..
ग़म-ओ-रंज है ये जो हर ग़मगीन ने बतानी है..
दाग़-ए-मोहब्बत है ये जो दो बिछड़ों को भुलानी है..
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