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नर की आशा, प्रेम और विश्वास नारी है
दुर्गा रूप में प्यारी, काली बन संघारी है..
सरस्वती बनकर देती बुद्धि और ज्ञान
तो लक्ष्मी बन घर की किस्मत सँवारी है..
नारी शक्ति के बिना हर नर अधूरा है
माँ से बेटी तक रूपलिए ज़िंदगी गुज़ारी है..
मुश्किलों से लड़ना बख़ूबी उसे आता है
किसी भी कठिनाई से कभी वो न हारी है..
अपने संघर्ष से करती है हर काम वो पूरा
ज़िंदगी में आई हर मुसीबत पर भारी है..
नारी के जाने से ज़िंदगी बेरंग हो जाती है
बैगर इसके तो धरती की भी न हरियाली है..
जो इज्जत और सम्मान करता है नारी का
वो ही इंसान ज़िंदगी में सबसे सुखारी है..!!
#तुष्य
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