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मैं अल्फाज़ हूँ तेरे, तेरी हर बात समझता हूँ
मैं एहसास हूँ तेरे, तेरे हर जज़्बात समझता हूँ..
तेरे दर्द से वाकिफ़ हूँ, तेरा इलाज़ समझता हूँ
आँखों की नींद हूँ तेरी, तेरे हर ख़्वाब समझता हूँ..
ना तकलीफ़ हो तुझे, तेरी फ़िक्र में बदहवास समझता हूँ
मोहब्बत है तुझसे, हर आँसू और जज़्बात समझता हूँ..
इंतज़ार का मोहताज नहीं, तेरे हर अल्फ़ाज़ समझता हूँ
तुम जो लिखते हो, तेरी नज़्म का गहराव समझता हूँ..
#तुष्य
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