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माँ ही सम्पूर्ण ब्रह्मांड ईश्वर का दूसरा रूप है
माँ ही सर्वशक्ति है कोमलता का स्वरूप है..
माँ आँचल में छिपा लेती है सारी परेशानियां
माँ का वो आँचल सातों आसमानों का प्रतिरूप है..
माँ प्यार के धागों से पूरे घर को बाँधें रखती है
माँ उन धागों से रिश्तों को बुनने में मसरूफ़ है..
माँ की डाँट में भी प्यार और दुआ नज़र आती है
माँ की वो डाँट ज़िंदगी की धूप से करती महफ़ूज है..
माँ के गले लगाते ही ख़त्म हो जाते हैं सारे दर्द
माँ का प्रेम निर्गुण निराकार परम ब्रह्म निरूप है..!!
#तुष्य
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