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सवाल-ए-इश्क़...

Dr. SandeepDr. Sandeep April 20, 2022
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दर्द-ए-दिल देकर वो पूछते हैं मेरे दिल-ए-बेताब का हाल

ख़ुद हाल-ए-दिल छुपाते हैं मुझे कहते मेरा दिल है बेहाल...

मेरे दिल-ए-नादाँ ने तो कह दिया मैं ही हूँ तेरा महींवाल

अब तुम जानो ख़ुदा जाने लो मेरे दिल-ए-ज़ार को सँभाल..

जब मिलोगी तुम तो जानेंगे कैसा है तुम्हारे दिल का हाल

फ़िर क्यों तुम उठाती हों मेरे वक्त-ए-मुलाक़ात पर सवाल..

जानता हूँ इश्क़ और इबादत दोनों में तुम

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