Share0 Bookmarks 198170 Reads1 Likes
दुआ है मेरी ये दर्द तुम्हारा ख़त्म हो जाए
चाहे हर बार दर्द से मेरी आँखें नम हो जाए..
रखूँगा नफ़ासत से तेरी हिफ़ाज़त भी करूँगा
चाहे मेरे जिस्म पर कितने भी ज़ख़्म हो जाए..
इन होठों पर ये मुस्कान हमेशा खिलाए रखूँगा
चाहे मेरे चेहरे पर कितनी भी शिकन हो जाए..
तुम हाँ बोलो हाथ पकड़ ले चलूँगा वादा है मेरा
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments